इस शहर में घुसने के लिए पार करने पड़ते हैं 52 दरवाज़े, 500 साल पुराना है इतिहास

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Indian City: कुछ कहानियां ऐसी होती हैं जो व्यक्ति को हमेशा याद रहती हैं तो कुछ समय के साथ इंसाल भूल जाता है. वैसे भी जब बात भारत और उसके इतिहास से जुड़ी हो तो उसे जानने और सुनने को लेकर व्यक्ति में थोड़ा रोमांच बढ़ जाता है. आज की कहानी एक ऐसे शहर से जुड़ी है जहां पर जाने के लिए 52 दरवाजे पार करने पड़ते हैं. उसका इतिहास भी काफी पुराना है. साथ ही उस शहर में समान्य से काफी अधिक दरवाजे मौजूद हैं. आइए इस कहानी के बारे में जानते हैं, साथ ही उससे जुड़े इतिहास पर भी एक नजर डालेंगे.

‘दरवाजों का शहर’ के नाम से है मशहूर

किसी भी शहर को उपनाम तब दिया जाता है, जब उसकी खासियत दूसरे शहरों से अलग होती है. महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर को ‘दरवाजों का शहर’ कहा जाता है. यह शहर अपने आप में इतिहास समेटे हुए है. रही बात इस शहर के उपनाम की तो इसे दरवाजों का शहर इसीलिए कहा जाता है क्योंकि इस शहर में घूसने के लिए 52 दरवाजे पार करने पड़ते हैं. यह जानकारी औरंगाबाद जिले की सरकारी वेबसाइट पर दी गई है. यहां के दरवाजे और उससे जुड़े किस्से भी काफी मशहूर हैं. वैसे भी भारत में कहानियां काफी फेमस है. कुछ तो किताबों में भी दर्ज है, लेकिन हम जो आपको यहां बता रहे हैं वह हकीकत है ना कि किसी किताब में लिखी कोई काल्पनिक कहानी.

500 साल पुराना है इतिहास

औरंगाबाद शहर के इतिहास पर नजर डाले तो मालूम होता है कि यह अपने आप में 500 सालों की कहानी छुपाए हुए है. वहां आपको मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम देखने को मिलेगा, जिसमें उनके द्वारा युद्ध में इस्तेमाल किए गए हथियार रखे गए हैं. साथ ही 500 साल पुराने कपड़े मिलेंगे जो उस समय युद्ध में यूज किए जाते थे. यहां तक कि आपको एक कुरान की ऐसी कॉपी मिलेगी, जिसे मुगल शासक औरंगजेब ने खुद अपने हाथों से खुद लिखी थी. यह शहर पर्यटकों के लिए हमेशा आकर्षण का केंद्र बना रहता है. अगर आप औरंगाबाद शहर के आस-पास से गुजर रहे हैं तो वहां एक बार घूमने जरूर जा सकते हैं. कई पुराने दरवाजे आपको मिलेंगे, जिसे देखने के बाद आपके अंदर रोमांच पैदा हो जाएगा.

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