क्यों बनाए गए हैं भारत में केन्द्र शासित प्रदेश? बेहद दिलचस्प है ये किस्सा

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Union Territories in India: अगस्त 2019 में जब राष्ट्रपति ने अनुच्छेद 370 को हटाने के प्रस्ताव की मंजूरी दे दी, तब भारत में राज्यों की संख्या 29 से घटकर 28 हो गई थी और केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या 7 से बढ़कर 9 हो गई. उससे पहले भारत में 7 केंद्र शासित प्रदेश हुआ करते थे- दिल्ली, पुडुचेरी, चंडीगढ़, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव. केंद्र शासित प्रदेश कई कारणों से बनाए गए हैं, हर केंद्रशासित प्रदेश को बनाने के लिए एक वजह तय किया गया है. आइए समझते हैं. 

इस वजह से हुई केंद्र शासित प्रदेशों की स्थापना

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच अंतर है. संविधान के प्रावधानों के अनुसार, स्वतंत्रता के दौरान, केंद्र शासित प्रदेश या तो भारत का हिस्सा नहीं थे या वे इतने छोटे थे कि उन्हें राज्य नहीं बनाया जा सकता था। इसके अलावा, 1956 में राज्य पुनर्गठन आयोग ने इन क्षेत्रों के लिए केंद्र शासित प्रदेश नामक एक अलग कैटेगरी बनाने की सिफारिश की। उस समय यह देखा गया कि ये क्षेत्र आर्थिक रूप से असंतुलित, आर्थिक रूप से कमजोर, प्रशासनिक और राजनीतिक रूप से अस्थिर थे। इसलिए, वे अलग-अलग प्रशासनिक इकाइयों के रूप में जीवित नहीं रह सकते। उनके लिए केंद्र सरकार पर निर्भर रहना जरूरी था और इस तरह केंद्र शासित प्रदेशों का गठन हुआ. इसलिए, भारत सरकार और केंद्र शासित प्रदेश भारत गणराज्य की संरचना का हिस्सा बन गए। आपको बता दें कि केंद्र शासित प्रदेशों का प्रशासनिक शासन सीधे केंद्र सरकार के अधीन था और इसका केंद्र राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली थी।

ये कारण भी हैं लिस्ट में

  1. राजनीतिक और प्रशासनिक विचार के लिए दिल्ली और चंडीगढ़ को बनाया गया है.
  2. सांस्कृतिक विशिष्टता को सुरक्षित बनाए रखने के लिए पुडुचेरी, दादरा नगर हवेली और दमन और दीव को यूटी में शामिल किया गया है.
  3. सामरिक महत्व की वजह से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तथा लक्षद्वीप को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है.
  4. पिछड़े और आदिवासी लोगों के विशेष देखभाल के लिए मिजोरम, मणिपुर, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था, जिसे बाद में राज्य में बदल दिया गया. 
  5. केंद्र सरकार ने जम्मू एंड कश्मीर और लद्दाख को राज्य से केंद्र शासित प्रदेश में बदला है, इसके पीछे की मुख्य वजह वहां शांति व्यवस्था बहाल करनी है, जो राज्य सरकार करने में असमर्थ थी. इसकी जानकारी अमित शाह ने 370 का संशोधन विधेयक संसद में पेश करने के दौरान दी थी. 

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