खालिस्तान समर्थकों के मुद्दे पर कनाडाई NSA ने नहीं दिया था पॉजिटिव जवाब, क्या कहती है रिपोर्ट?

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Canada On Khalistan Supporters Issue: भारत और कनाडा के बीच संबंध तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं. इस बीच एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले दिनों भारत में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान कनाडा के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने खालिस्तान समर्थकों के मुद्दे पर एनएसए अजित डोभाल को सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी थी.
 
रिपोर्ट में यह भी आशंका जताई गई है कि कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो बोटबैंक की राजनीति की चलते भारत की चिंताओं की खिलाफ रुख अपनाए हुए हैं. एचटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने अपने ऑस्ट्रेलियाई, ब्रिटेन और कनाडाई समकक्षों से उनके देशों में सिख कट्टरपंथ के बढ़ने के मुद्दे पर चर्चा की थी और वहां होने वाली भारतीय संपत्तियों के खिलाफ हिंसा का मुद्दा भी उठाया था. 

क्या बोटवैंक की राजनीति कर रहे हैं जस्टिन ट्रूडो?

रिपोर्ट कहती है कि यह समझा जाता है कि ऑस्ट्रेलिया और यूके के एनएसए ने भारतीय चिंताओं पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी, लेकिन कनाडाई एनएसए ने बेफिक्री दिखाई, क्योंकि खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी अल्पमत जस्टिन ट्रूडो सरकार का समर्थन करती है.

रिपोर्ट में कहा गया कि एनएसए स्तर की बैठकों से यह बिल्कुल साफ था कि कनाडाई सरकार खालिस्तान समर्थकों के दबाव में थी और भारतीय हितों की मदद के लिए बहुत कम प्रयास करेगी, इस तथ्य के बावजूद कि यूएपीए के तहत बैन किए अमेरिका में चलने वाले संगठन सिख फॉर जस्टिस की मदद से खालिस्तान समर्थक खुले तौर पर कनाडा में तैनात भारतीय शीर्ष राजनयिकों की हत्या की धमकी दे रहे थे. 

आतंकी निज्जर की हत्या को लेकर ट्रूडो ने भारतीय एजेंटों को ठहराया दोषी

रिपोर्ट में कहा गया कि कनाडा में शरण ले रहे खालिस्तान समर्थकों, ड्रग तस्करों और गैंगस्टरों से मुकाबला करने के बजाय सोमवार (18 सितंबर) पीएम जस्टिन ट्रूडो आतंकी निज्जर की हत्या के लिए अज्ञात भारतीय एजेंटों को दोषी ठहराते हुए कट्टरपंथियों के समर्थन में खुलकर सामने आए.

ट्रूडो ने ओटावा में आधिकारिक सुरक्षा के तहत तैनात भारतीय राजनयिक को निष्कासित करने का भी फैसला किया और फिर उनका नाम लेकर एक गैर-राजनयिक काम भी किया. वहीं, भारत ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए कनाडाई खुफिया प्रमुख ओलिवियर सिल्वेस्टर को निष्कासित कर दिया और उन्हें अगले पांच दिनों में देश छोड़ने को कहा.

भारतीय अधिकारी को निष्कासित करने पर भारत ने भी दिया जवाब

वहीं, न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, भारत ने खालिस्तान समर्थक एक अलगाववादी नेता की हत्या के तार संभवत: भारत से जुड़े होने के कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों को बेतुका और निहित स्वार्थों से प्रेरित बताते हुए मंगलवार को खारिज कर दिया. भारत ने इस मामले को लेकर एक भारतीय अधिकारी को कनाडा की ओर से निष्कासित किए जाने के जवाब में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को भी देश से निष्कासित कर दिया.

रिपोर्ट में कहा गया कि यह कार्रवाई बताती है कि भारत और कनाडा के संबंध और तनावपूर्ण हो रहे हैं. इससे कुछ ही दिन पहले दोनों पक्षों ने एक द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते संबंधी अपनी वार्ता को रोकने का फैसला किया था. दोनों देशों के बीच संबंध कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्वों की बढ़ती गतिविधियों के कारण तनावपूर्ण हैं. भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैके को विदेश मंत्रालय ने तलब किया और वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के फैसले के बारे में सूचित किया.

(इनपुट भाषा से भी)

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