चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से ली गई विक्रम लैंडर की तस्वीर, कैमरे में कैद हुआ खूबसूरत नजारा

1 min read

[ad_1]

Chandrayaan-3 Mission: इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) ने चंद्रयान-2 ऑर्बिटर पर लगे डुअल-फ्रीक्वेंसी सिंथेटिक अपर्चर रडार (DFSAR) उपकरण से ली गई चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की एक तस्वीर शनिवार (9 सितंबर) को शेयर की. यह इमेज 6 सितंबर 2023 को ली गई थी. 

तस्वीर में चांद की सतह नीले, हरे और गहरे काले रंग की दिखाई दे रही है. वहीं, तस्वीर में पीले रंग की रोशनी दिखाई दे रही है, जो विक्रम लैंडर है. फिलहाल चांद के साउथ पोल पर रात हो गई है और चंद्रयान-3 ‘स्लीप मोड’ में है.

स्लीप मोड में विक्रम लैंडर 
23 अगस्त को चंद्रमा पर पहुंचे स्पेसक्राफ्ट को लेकर अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा था कि विक्रम लैंडर को स्लीप मोड में सेट कर दिया गया है और उसके पेलोड बंद कर दिए गए हैं. वहीं, इसकी बैटरी पूरी तरह चार्ज हो गई है.  हालांकि, इसका रिसीवर चालू रखा गया है. उम्मीद है कि वह अपने अगले असाइनमेंट को कामयाबी के साथ शुरू करेगा. 

इसरो का हॉप एक्सपेरिमेंट 
इससे पहले 4 सितंबर को इसरो ने सूचित किया था कि चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने चंद्रमा की सतह पर एक्सपेरिमेंट को रोकने के दो दिन बाद एक हॉप एक्सपेरिमेंट सफलतापूर्वक पूरा किया गया था. अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, “इसने (विक्रम) इंजन चालू किया, उम्मीद के मुताबिक खुद को लगभग 40 सेमी ऊपर उठाया और  सुरक्षित रूप से 30-40 सेमी की दूरी पर उतर गया.”

चंद्रयान-2 ऑर्बिटर ने पहले भी ली थी तस्वीर 
इससे पहले 25 अगस्त 2023 को भी चंद्रयान-2 ने चंद्रयान-3 की तस्वीर ली थी. इस तस्वीर में लैंडर को जूम करके इनसेट में दिखाया गया था. यह तस्वीर दो तस्वीरों का कॉम्बीनेशन थी. इसकी एक इमेज में जगह खाली दिखाई गई थी, जबकि दूसरी तस्वीर में चांद की सतह पर लैंडर दिख रहा था.

क्या होता DFSAR?
DFSAR एक खास तरह का डिवाइस होता है. यह अंधेरे में हाई रेजोल्यूशन पोलैरीमेट्रिक मोड में तस्वीर क्लिक करता है. यह अंधेरे में धातुओं से निकलने वाली हीट और रोशनी को भी पकड़ लेता है.

यह भी पढ़ें- G20 Summit 2023 Dinner: सब्ज कोरमा, काजू मटर, लिट्टी चोखा… जी20 के गाला डिनर में भारतीय व्यंजनों की पूरी लिस्ट, पढ़ें



[ad_2]

Source link

You May Also Like

More From Author