ट्रेन में आग लग जाए तो क्या रेलवे देता है मुआवजा… जानिए क्या है नियम?

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Railways Compensation: नई दिल्ली से बिहार के दरभंगा जाने वाली ट्रेन में बुधवार (15 नवंबर) को भीषण आग लग गई. अफरातफरी के बीच यात्रियों को बचाया गया. उत्तर मध्य रेलवे अधिकारी के अनुसार, ट्रेन नंबर 02570 दरभंगा क्लोन स्पेशल में यूपी के सराय भुपत रेलवे स्टेशन के पास आग लगी. छठ की वजह से ट्रेन में काफी भीड़ थी. आग लगने से यात्रियों में दहशत फैल गया. ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि अगर आग लगने से हादसा होता है तो क्या रेलवे मुआवजा देता है. आइए नियम जानते हैं.

क्या हैं नियम?

जब भी कोई टिकट बुक करता है तो ये किसी भी यात्री के लिए अनिवार्य नहीं होता है कि वो रेलवे की ओर से दिया जाने वाला इंश्योरेंस जरूर ले. यह यात्री की इच्छा पर होता है और जब कोई यात्री ट्रेवल इंश्योरेंस पर क्लिक करता है तब ही उनका इंश्योरेंस होता है. इस ट्रेवल के लिए हर यात्री को टिकट के हिसाब से 35 पैसे देने होते हैं. 

पहले आपको बताते हैं कि ये इंश्योरेंस सिर्फ कंफर्म, आरएसी और पार्ट कंफर्म टिकट वालों को ही इंश्योरेंस का फायदा मिलता है. एक बार इंश्योरेंस खरीदने के बाद यात्री को एसएमएस और रजिस्टर्ड मेल आई पर इंश्योरेंस कंपनी की ओर से जानकारी दे दी जाती है. ये मैसेज आने के बाद यात्री को इंश्योरेंस कंपनी की वेबसाइट पर जाकर नॉमिनेशन की डिटेल भरनी होती है. अगर कोई नोमिनेशन की डिटेल नहीं भरता है तो इसके बाद मुआवजा उनके लीगल वारिस को मिलता है और इसके लिए पहले दावा करना होता है. इस इंश्योरेंस में ट्रेन एक्सीडेंट की वजह से होने वाली मौत, इंजरी पर कुछ मुआवजा राशि दी जाती है. 

घायल होने पर मिलते हैं 2 लाख रुपये 

इस इंश्योरेंस में ट्रेन एक्सीडेंट के बाद यात्रियों को होने वाले अलग अलग नुकसान के आधार पर क्लेम दिया जाता है. इंश्योरेंस में मौत होने पर 10 लाख रुपये, पर्मानेंट टोटल डिसेबिलिटी होने पर 10 लाख रुपये, पर्मानेंट पार्शल डिसेबिलिटी होने पर साढ़े सात लाख रुपये, घायल पर होने 2 लाख रुपये तक का अस्पताल का खर्चा और ट्रांसपोर्टेशन का 10 हजार रुपये मिलता है. 

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