दिलीप घोष बोले- इंडिया का नाम बदलकर रखा जाएगा भारत, विरोध करने वाले छोड़ सकते हैं देश

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India vs Bharat Row: देश के नाम ‘इंडिया’ और ‘भारत’ पर सियासत जारी है. दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में केंद्र सरकार ने इंडिया की बजाय ‘भारत’ के नाम को प्रमोट किया. वहीं विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है. इस बीच पश्चिम बंगाल में बीजेपी के सीनियर नेता दिलीप घोष ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इंडिया का नाम बदलकर ‘भारत’ कर दिया जाएगा और जिन लोगों को भी इससे समस्या है वो देश छोड़कर जा सकते हैं.

खड़गपुर शहर में ‘चाय पर चर्चा’ कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने विदेशियों की मूर्तियों को लेकर भी बड़ा दावा किया. उन्होंने कहा, हमारी पार्टी पश्चिम बंगाल में जब भी सत्ता में आएगी तो कोलकाता में विदेशियों की सभी मूर्तियों को हटा दिया जाएगा.

वहीं राज्य से बीजेपी के एक अन्य वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा ने कहा कि एक देश के दो नाम नहीं हो सकते और नाम बदलने का यह सही वक्त है.

‘असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही बीजेपी’
इंडिया बनाम भारत पर बीजेपी नेता ने ये बयान ऐसे वक्त दिया है जब जी20 समिट में केंद्र सरकार ने ‘भारत’ नाम का जोरशोर से इस्तेमाल किया. मोदी सरकार के खिलाफ बने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के नेताओं ने इसपर सवाल भी उठाए.

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के प्रवक्ता शांतनु सेन ने आरोप लगाया कि बीजेपी असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है, क्योंकि वह विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस) से डरी हुई है. 

‘इंडिया’ नाम का ब्रिटिश से वास्ता नहीं!
देश के इतिहासकारों के एक समूह ने पीटीआई से कहा कि ईसा पूर्व पांचवीं शताब्दी के ग्रीक मूल वाले ‘इंडिया’ शब्द का अंग्रेजों से कोई वास्ता नहीं है और उन्होंने इसे औपनिवेशिक अतीत का अवशेष बताने वाली दलीलों को खारिज कर दिया. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संविधान के अनुच्छेद एक में ‘इंडिया और भारत’ दोनों नामों का ‘इंडिया, दैट इज़ भारत…’ के रूप में उल्लेख है और दोनों देश के इतिहास का हिस्सा हैं और ‘पूरी तरह से वैध’ हैं.

इनपुट- भाषा/पीटीआई

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