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G-20 Summit: दुनिया की तमाम बड़ी अर्थव्यवस्थाएं एक साथ भारत में नजर आएंगीं. नई दिल्ली में होने जा रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में इन तमाम बड़े देशों के नेता शामिल होंगे. जिसमें अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन जैसे नाम शामिल हैं. इस बड़े समिट के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और भारत में डेलीगेट्स अगले कुछ ही दिनों में पहुंचने शुरू हो जाएंगे. इसी बीच जी-20 को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं. जिनमें ये सवाल भी शामिल है कि जी-20 की शुरुआत कैसे हुई थी और इसकी पहली बैठक कहां हुई?
नई दिल्ली में जी-20 की ये 18वी बैठक होने जा रही है. 8 से 10 सितंबर के बीच होने वाली इस बैठक के लिए दिल्ली को पूरी तरह से सजाया गया है और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए हैं.
कैसे शुरू हुआ था जी-20?
दुनियाभर के देश अलग-अलग मुद्दों पर एकजुट होने और चर्चा के लिए ऐसे ही संगठन बनाते हैं, कुछ संगठन सैन्य ताकत को लेकर होते हैं तो कुछ राजनीतिक चर्चा के लिए… इसी तरह जी-20 भी अर्थव्यवस्था के अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा के लिए बनाया गया.
दरअसल जी-20 को दुनिया के ताकतवर देशों के ग्रुप जी-7 का विस्तार माना जाता है. जिसमें अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और कनाडा जैसे देश शामिल हैं. साल 1999 इस ग्रुप की एक बैठक हुई, जिसमें एशिया के आर्थिक संकट पर चर्चा के लिए एक अलग ग्रुप बनाने को लेकर बातचीत हुई. इसके बाद 1999 में ही पहली बार बर्लिन में जी-20 को लेकर पहली बैठक हुई और आगे जाकर तमाम बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने मिलकर जी-20 ग्रुप बनाया. जी-20 में शामिल देश दुनिया की कुल 85 फीसदी जीडीपी बनाते हैं.
जी-20 में अमेरिका, रूस, जर्मनी, भारत, चीन, कनाडा, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, फ्रांस, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और यूरोपियन यूनियन शामिल है.
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