न चेहरे का पता, न ठिकाने का, ‘गायब’ होकर विदेशी मेहमानों की रक्षा कर रही यह स्पेशल टीम

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G20 Summit 2023 Live: नई दिल्ली में चल रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत की मेजबानी की जमकर तारीफ हो रही है. यहां की हर व्यवस्था विदेशी मेहमानों का दिल जीत रही है. पर इस कामयाब आयोजन के पीछे सबसे बड़ी भूमिका सुरक्षा व्यवस्था की है, जिसे भारत ने अच्छे से प्लान किया और हर मेहमान को सेफ फील कराया है. सुरक्षा के लिए आपको सड़कों, होटलों और आयोजन स्थल पर हजारों मुस्तैद पुलिसकर्मी दिखाई देते होंगे, लेकिन यह सिक्के का एक पहलू है.

इससे अलग दूसरा पहलू भी है जो पर्दे के पीछे है और किसी को भी दिखाई नहीं देता. यहां हम बात कर रहे हैं, उस खास फोर्स की जो अंडरग्राउंड रहकर विदेशी मेहमानों की सुरक्षा में तैनात हैं. ये कौन हैं और कहां छिपकर मेहमानों की रक्षा कर रहे हैं इसकी जानकारी किसी को भी नहीं होती. आइए आपको बताते हैं इस खास फोर्स के बारे में.

इस तरह काम करती है यह स्पेशल फोर्स

हम जिस फोर्स की बात कर रहे हैं, उसका नाम है हाउस इंटरवेंशन टीम (HIT). क्राइम तक के मुताबिक, यह टीम किसी भी होटल या बिल्डिंग में आतंकी हमले से निपटती है. इसकी ट्रेनिंग इसी को लेकर दी जाती है. दिल्ली और एनसीआर के 23 फाइव स्टार होटलों में जी-20 के लिए आए मेहमानों को ठहराया गया है. इन सभी होटलों में यह फोर्स तैनात है. यह फोर्स अंदर रहकर ही खतरे से निपटती है.

ये टीम होटल के किन कमरों में ठहरी है इसकी जानकारी इनके रिपोर्टिंग अफसर के अलावा किसी को नहीं होती. किसी भी हमले की स्थिति में दुश्मन से निपटने को लेकर इन्हें सीधे रिपोर्टिंग अफसर ऑर्डर देते हैं. बीच में किसी भी अनुमति की जरूरत नहीं होती. यह टीम होटल के अंदर से ही पूरे ऑपरेशन को अंजाम देती है.

इसके अलावा इस टीम को इस बात की भी ट्रेनिंग दी जाती है कि अगर मेहमान भीड़भाड़ वाले एरिया या बाजार में खतरे से घिर जाते हैं तो उन्हें कैसे बाहर निकाला जाए. इस फोर्स की कोई तय वर्दी नहीं है. ऐसा इसलिए है ताकि इनकी पहचान न हो सके. इन्हें अर्बन वॉरफेयर और नजदीकी लड़ाई की खास ट्रेनिंग दी जाती है.

ऐसे हुई इस फोर्स की शुरुआत

हिट फोर्स की शुरुआत साल 2008 में इसकी शुरुआत हुई. दरअसल, 26 नवंबर 2008 को 10 आतंकवादियों ने मुंबई पर हमला कर दिया. इन आतंकियों ने तीन दिन तक मुंबई को बंधक बनाए रखा. कई होटलों में लोगों को बंधक बनाया और सैकड़ों को मौत के घाट उतार दिया. इस तरह का हमला पहली बार हुआ था.

इस तरह के हमलों से निपटने का अनुभव सुरक्षा एजेंसियों को नहीं था. इस हमले के बाद हुई सरकार की बैठक में इस तरह के हमलों से निपटने को लेकर चर्चा हुई. इसमें तय हुआ कि एक स्पेशल फोर्स का निर्माण किया जाए जो इस तरह के हमलों से निपट सके. इस फोर्स में एनएसजी, दिल्ली पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के खास जवानों को शामिल किया गया.

ये हथियार होते हैं मौजूद

इस फोर्स के पास लेटेस्ट हथियार और टेक्नोलॉजी होती है. हिट के जवानों के पास इजरायली टैवर TAR-21 असॉल्ट राइफल, अमेरिकन ग्लॉक 17 पिस्तौल जैसे हथियार मौजूद रहते हैं. ये हमेशा बुलेट प्रूफ जैकेट में रहते हैं.

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