मणिपुर में फिर हिंसा, 72 घंटों में 5 लोगों की मौत और 18 जख्मी

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Manipur Violence Update: मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. ताजा गोलीबारी में अब तक पांच लोगों की मौत हो गई है. अधिकारियों ने गुरुवार (31 अगस्त) को बताया कि मणिपुर के बिष्णुपुर (Bishnupur) और चुराचांदपुर (Churachandpur) जिलों में पिछले 72 घंटों में दो समुदायों के बीच लगातार गोलीबारी के बाद कम से कम पांच लोग मारे गए. इस दौरान 18 घायल हो गए हैं. 

अधिकारी ने कहा कि बिष्णुपुर जिले के खोइरेंटक की तलहटी और चुराचांदपुर जिले के चिंगफेई और खौसाबुंग इलाकों में गोलीबारी जारी है. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के अनुसार, अधिकारी ने बताया कि हिंसा मंगलवार (29 अगस्त) को शुरू हुई जब खोइरेंटक इलाके में भारी गोलीबारी के बाद लगभग 30 साल के एक ग्रामीण वालंटियर की मौत हो गई थी. 

गुरुवार सुबह फिर शुरू हुई गोलीबारी

उन्होंने बताया कि बुधवार शाम से कुछ घंटों की शांति के बाद गुरुवार सुबह फिर दोनों समूहों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई. अधिकारियों ने बताया कि बुधवार की हिंसा में घायल एक व्यक्ति की मिजोरम के रास्ते गुवाहाटी जाते समय रास्ते में मौत हो गई थी. एक अन्य घायल व्यक्ति की भी गुरुवार सुबह करीब नौ बजे चुराचांदपुर जिला अस्पताल में मौत हो गई, जहां उसका इलाज चल रहा था. 

आईटीएलएफ ने किया बंद का आह्वान 

अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को बिष्णुपुर के नारायणसेना गांव के पास हिंसा की अलग-अलग घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गई और छह घायल हो गए थे. सूत्रों ने बताया कि एक पीड़ित की गोली लगने से मौत हो गई, जबकि दूसरे की मौत उस समय हुई जब उसी की देशी बंदूक से गोली चल गई और उसके चेहरे पर लगी. इस बीच, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने हिंसा में मरने वालों की संख्या पांच होने पर चुराचांदपुर में तुरंत आपातकालीन बंद का आह्वान किया है.

आईटीएलएफ के एक बयान में कहा है कि पानी और चिकित्सा आपूर्ति सहित आवश्यक सेवाओं को बंद से छूट दी गई है. आईटीएलएफ ने साथ ही दावा किया कि पीड़ितों में गायक एलएस मंगबोई लुंगडिम (50) भी शामिल हैं, जिन्होंने 3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद एक गीत तैयार किया था. आईटीएलएफ ने सरकार से लूटे गए हथियारों को सर्च करने का भी आग्रह किया है. 

पुलिस ने चलाया तलाशी अभियान

मणिपुर पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया कि सुरक्षा बलों की ओर से कांगपोकपी, थौबल, चुराचांदपुर और इंफाल-पश्चिम जिलों के सीमांत और संवेदनशील इलाकों में तलाशी अभियान चलाया गया. इस दौरान पांच हथियार, 31 गोला-बारूद, 19 विस्फोटक, आईईडी सामग्री के तीन पैक बरामद किए गए. पुलिस ने अलग-अलग जिलों में 130 नाके भी लगाए हैं और नियमों का उल्लंघन करने पर 1,646 लोगों को हिरासत में लिया है. 

मणिपुर में तीन मई को भड़की थी हिंसा

गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मैतई समुदाय की मांग के विरोध में बीती तीन मई को आदिवासी एकजुटता मार्च का आयोजन किया गया था. जिसके बाद राज्य में जातीय हिंसा भड़क गई छी. जिसमें अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. 

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