रूस ने कैसे गंवा दी स्पेस में ‘बादशाहत’, क्यों अब एक के बाद एक फेल हो रहे मिशन?

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Russia in Space: रूस एक वक्त स्पेस में महाशक्ति के तौर पर देखा जाता था. स्पुतनिक के तौर पर दुनिया की पहली सैटेलाइट लॉन्च करने से लेकर अंतरिक्ष में यूरी गागरिन के तौर पर पहले इंसान को भेजने तक, रूस ने इन मिशन के जरिए अंतरिक्ष में अपना दबदबा कायम किया. हालांकि, अब वक्त बदल चुका है और रूस में भी इसका असर देखने को मिल रहा है. उसके स्पेस मिशन अब पहले की तरह कामयाब नहीं रहे हैं. 

रूस के लिए रविवार का दिन बुरी खबर लेकर आया. 47 साल बाद चांद की सतह पर पहुंचने का सपना संजोए रूस को उस वक्त निराशा हाथ लगी, जब उसका लूना-25 स्पेसक्राफ्ट लैंडिंग से पहले ही चांद पर क्रैश हो गया. इतने लंबे इंतजार के बाद रूस का चांद जीतने का सपना अधूरा ही रह गया. यही वजह है कि अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कभी स्पेस में बादशाहत रखने वाले रूस के साथ-साथ ऐसा क्या हुआ कि वह इस सेक्टर में पिछड़ रहा है.

हाल में कितने मिशन फेल हुए?

स्पेस पॉलिसी ऑनलाइन के मुताबिक, लूना-25 ही इकलौता ऐसा मिशन नहीं है, जिसकी वजह से रूस को निराशा हाथ लगी है. पिछले 10 से 12 सालों में ढेरों ऐसे रूसी स्पेस मिशन हुए हैं, जिनके फेल होने से रूस की स्पेस की ताकत पर सवाल उठे हैं. आइए आपको रूस के कुछ बड़े स्पेस मिशन के बारे में बताते हैं, जो फेल हो गए. 

  • दिसंबर 2012 में प्रोटोन ब्रिज रॉकेट का अपर स्टेज फेल हो गया. इसकी वजह से रूसी यमान 402 कम्युनिकेशन सैटेलाइट गलत ऑर्बिट में पहुंच गया. 
  • फरवरी 2013 में जेनिट-3 एसएल सी लॉन्च रॉकेट के जरिए Intelsat-27 कम्युनिकेशन सैटेलाइट को लॉन्च किया गया. मगर फर्स्ट स्टेज हाइड्रोलिक पंप फेल होने के चलते सैटेलाइट तबाह हो गई.
  • नवंबर 2017 में सोयूज रॉकेट के जरिए भेजा जा रहे Meteor M2-1 वेदर सैटेलाइट और 18 क्यूबसेट गायब हो गए. इसकी वजह प्रोग्रामिंग की गड़बड़ियां रहीं. 
  • अक्टूबर 2018 में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) भेजे जा रहे सोयूज एमएस स्पेसफ्लाइट को लॉन्चिंग के तुरंत बाद अबोर्ट करना पड़ा. इसकी वजह लॉन्च व्हीकल बूस्टर का फेल होना था. इसमें दो एस्ट्रोनोट्स की बाल-बाल जान बची. 
  • अगस्त 2023 यानी इस महीने हमने लूना-25 मिशन को भी फेल होते हुए देख लिया है. बताया गया है कि लूना मिशन के तहत लैंडर चांद की सतह पर लैंड करने के बजाय बेकाबू होकर चंद्रमा की सतह से टकरा गया. 

स्पेस में रूस ने कैसे गंवा दी बादशाहत?

रूस एक वक्त सोवियत यूनियन का प्रमुख देश था. उस समय शीतयुद्ध चल रहा था और सोवियत यूनियन हर क्षेत्र में अमेरिका को पछाड़ना चाहता था. दोनों के बीच स्पेस वॉर शुरू हुई और इसमें अमेरिका को हर मोर्चे पर पटखनी दी गई. हालांकि, फिर 1991 में सोवियत यूनियन के विघटन के बाद हालात बदल गए, क्योंकि देश आर्थिक और राजनीतिक उथल-पुथल के बीच फंस गया. 

स्पेस में बादशाहत गंवाने के पीछे सबसे बड़ी वजह हथियारों पर खर्च है. एक वक्त रूस ने अपना ज्यादातर पैसा अंतरिक्ष में लगाया. शक्तिशाली रॉकेट्स और सैटेलाइट्स तैयार किए गए. लेकिन 1991 के बाद से सुरक्षा के मोर्चे पर ज्यादा पैसा खर्च होने लगा. जो पैसे कभी स्पेस प्रोग्राम में खर्च होता था. आज उसे हथियार बनाने या सुरक्षा के लिए खर्च किया जा रहा है. 

रूस का स्पेस बजट लगभग 2 अरब डॉलर है, जो वह अपनी स्पेस एजेंसी रोस्कोमोस पर खर्च करता है. दूसरी ओर रूस का रक्षा बजट 75 अरब डॉलर से ज्यादा है. ये इस बात को साबित करता है कि रूस की प्राथमिकता किस ओर शिफ्ट हो चुकी है. स्पेस में पिछड़ने की एक वजह ऐसे स्पेस प्रोग्राम भी हैं, जिन्हें असल में हासिल करना बेहद मुश्किल होता है. ऊपर से भ्रष्टाचार ने भी उसे स्पेस में पीछे किया है. 

यह भी पढ़ें: लूना-25 के साथ चांद पर लैंडिंग से पहले आखिरी पलों में क्या हुआ? जानें कैसे हुआ क्रैश

 

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