लोकसभा चुनाव में राम मंदिर मुद्दा होगा कितना कारगर? कुमार विश्वास ने बताया

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Kumar Viswas in ABP Shikhar Sammelan: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच एबीपी न्यूज शिखर सम्मेलन आयोजित कर रहा है. इस कार्यक्रम में कई दिग्गजों ने अपनी बात रखी. इस सम्मेलन में शनिवार (19 अगस्त) को आप के पूर्व नेता और कवि कुमार विश्वास ने भी हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने बताया कि आगामी लोकसभा चुनाव में राम मंदिर मुद्दा कितना कारगर होगा.

कुमार विश्वास ने कहा कि अधोध्या का राम मंदिर जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बन रहा है. वो 2024 के विजेताओं को राम राज्य की स्थापना का मंत्र पाने के लिए प्रेरित करे तो उसकी प्रासंगिकता बढ़ेगी. मंदिर का निर्माण किसी को हराने या जिताने के लिए नहीं होता और किसी को भी ये अहंकार नहीं होना चाहिए कि राम मंदिर हमारे कारण बन रहा है. 

कुमार विश्वास ने और क्या कहा?

उन्होंने आगे कहा कि मैं देश सभी बड़े-बड़े नेताओं और जनता को कहना चाहूंगा कि हमें तो खुद को भाग्यशाली मानना चाहिए कि राम मंदिर हमारे समय में बन रहा है. भगवान ने ये शुभ अवसर दिया है, ये बहुत बड़ी बात है. छत्तीसगढ़ में अगर कौशल्या का भव्य मंदिर और रामपथ बना है तो उसके लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अहंकार नहीं करना चाहिए.

कुमार विश्वास ने कहा कि भूपेश बघेल को तो ये सोचकर खुश होना चाहिए कि सीएम पद तो कुछ साल के लिए ही रहता है वहीं जहां प्रभु राम के कदम पड़े थे उस पथ पर उन्हें काम करने का मौका मिला, ये बात सदियों तक रहेगी. अगर आज से 400 साल बाद भी कोई इसे देखेगा तो कहेगा कि एक भूपेश बघेल नाम के शख्स ने इसे बनवाया था और लोग भूपेश बघेल की तारीफ करेंगे. ठीक वैसा ही मामला राम मंदिर का भी है. 

क्या बीजेपी को मिलेगा फायदा?

बीजेपी को राम मंदिर निर्माण से 2024 के चुनाव में फायदा मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सब लोग पूजा पाठ इसलिए करते हैं ताकि उनपर भगवान की कृपा बनी रही. मंदिर ट्र्स्ट के इसके उद्घाटन के लिए सभी पार्टियों को आमंत्रित करना चाहिए. सबसे अच्छी बात तो यही है कि सालों पुराना सियासत का और पहले के आक्रमणकर्ता का खड़ा हुआ विवाद अब खत्म हो गया है. 

“आपस में बैठकर सुलझाएं मसले”

कुमार विश्वास ने सभी समुदायों से शांति से मसले सुलझाने की अपील करते हुए कहा कि मथुरा का, ज्ञानवापी का विवाद भी आपस में बैठकर सुलझा लेना चाहिए. जब हम ट्रेन और बस के छोटे-छोटे सफर में एडजस्ट करते हैं तो ये तो जिंदगी भर का सफर इसमें एडजस्ट क्यों नहीं कर सकते हैं. इन मसलों पर सियासत से बचें. राजनीति धर्म से प्रेरण ले उसका इस्तेमाल न करे. 

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