सनातन का क्या है असली अर्थ, जानें सबसे पहले कब हुआ था हिंदू शब्द का इस्तेमाल

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Sanatan Dharma Controversy: तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को जो बयान दिया, उससे बवाल मच गया. उनके बयान पर विवाद चल ही रहा था कि ए राजा ने भी सनातन की तुलना एचआईवी जैसे वायरस से कर दी. बीजेपी नेताओं ने इसका जमकर विरोध किया है. कुल मिलाकर सनातन धर्म को लेकर बहस खत्म होने का नाम नहीं ले रही है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सनातन का असली मतलब क्या है और इसकी उत्पत्ति कब हुई थी? आइए हम आपको बताते हैं. 

हजारों साल पुराना है सनातन धर्म
सनातन धर्म को हिन्दू धर्म या वैदिक धर्म के नाम से भी जाना जाता है. इसे दुनिया के सबसे प्राचीनतम धर्म के रूप के तौर पर सभी जानते हैं. भारत की सिंधु घाटी सभ्यता में सनातन धर्म के कई चिह्न मिलते हैं. अब अगर उस सवाल पर जाएं कि ये धर्म कितना पुराना है तो इसे लेकर भी अलग-अलग दावे हैं. ये धर्म करीब 12 हजार साल पुराना और कुछ मान्यताओं के मुताबिक 90 हजार साल पुराना भी बताया जाता है. 

हिंदू शब्द का पहली बार इस्तेमाल
जब तुर्क और ईरानी भारत आए तो उन्होंने सिंधु घाटी से प्रवेश किया. सिंधु एक संस्कृत नाम है. उनकी भाषा में ‘स’ शब्द न होने के कारण वो सिंधू का उच्चारण नहीं कर पाए, इसलिए उन्होंने सिंधु शब्द को हिंदू कहना शुरू किया. इस तरह से सिंधु का नाम हिंदू हो गया. उन्होंने यहां रहने वाले लोगों को हिंदू कहना शुरू किया और इसी तरह हिंदुओं के देश को हिंदुस्तान का नाम मिला.

सनातन का असली मतलब?
सनातन धर्म उस समय से है जब कोई संगठित धर्म अस्तित्व में नहीं था और क्योंकि जीवन जीने का कोई दूसरा तरीका नहीं था, इसलिए इसे किसी नाम की जरुरत नहीं थी. इसके बाद धीरे-धीरे संगठित धर्मों का निर्माण हुआ. सत्य को ही सनातन का नाम दिया गया. सनातन शब्द सत् और तत् से मिलकर बना हुआ है. जिनका अर्थ यह और वह होता है. सनातन वो है, जिसका आदि है न अंत है… सनातन धर्म को मानने वालों को ही हिंदू कहा जाता है. 19वीं सदी में और इसके बाद से सनातन धर्म का इस्तेमाल हिंदू धर्म को बाकी धर्मों से अलग एक धर्म के रूप में दर्शाने के लिए किया गया.

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