सनातन पर संग्राम: जेपी नड्डा बोले- ‘राहुल गांधी के मुंह से एक शब्द भी क्यों नहीं निकला?’

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JP Nadda Targets Sonia Gandhi: सनातन धर्म पर बयानों को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भी बड़ा मुद्दा बनाने जा रही है. इस बात के संकेत चुनावी राज्य मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुए पीएम मोदी के भाषणों से भी मिले. गुरुवार (14 सितंबर) को दोनों ही जगहों पर पीएम मोदी ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडी’ सनातन धर्म को खत्म करना चाहता है. 

यह सिलसिला शुक्रवार (15 सितंबर) को भी जारी रहा. छत्तीसगढ़ के जशपुर में बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, ”INDI गठबंधन का एक मजबूत सहयोगी DMK का नेता उदयनिधि सनातन धर्म को खत्म करने की बात करता है और फिर उसके एक दिन बाद मल्लिकार्जुन खरगे का बेटा प्रियांक खरगे भी सनातन धर्म को खत्म करने की बात करता है और उसके 8 से दस दिन बीत जाने के बाद भी सोनिया गांधी और राहुल गांधी के मुंह से एक शब्द नहीं निकला. हमें यह मान लेना चाहिए कि यही कांग्रेस की विचारधारा है. राहुल गांधी की मोहब्बत की दुकान में नफरत का सामान मिलता है.”

ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान

वहीं केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इंदौर में कहा कि सनातन धर्म के मसले पर विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल बाकी दल इस तरह खामोश हैं जैसे उनके मुंह पर किसी ने टेप चिपका दिया हो. विपक्षी दलों के गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) की भूमिका उत्तर से दक्षिण भारत तक देखी जानी चाहिए. 

उन्होंने कहा, “उत्तर भारत में एक ऐसा दल इस गठबंधन का भाग है जो सोचता है कि कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाने का कदम गलत है. इस गठबंधन में दक्षिण भारत का एक ऐसा दल शामिल है जिसने सनातन धर्म को नष्ट करने की घोषणा कर दी है.”   

“लोकसभा चुनाव को एक सभ्यतागत लड़ाई के रूप में देखता हूं”

वहीं बिहार के पटना पहुंचे असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्‍व सरमा ने शुक्रवार (15 सितंबर) को कहा, “सनातन धर्म के खिलाफ की गई टिप्पणी से पता चलता है कि (विपक्ष का) गठबंधन हमारी सभ्यता और संस्कृति को नष्ट करने के इरादे से बनाया गया है. इसलिए, मैं लोकसभा चुनाव को एक सभ्यतागत लड़ाई के रूप में देखता हूं जिसमें देश के लोग सनातन धर्म की रक्षा के लिए भाग लेंगे.” 

विदेश राज्य मंत्री लेखी ने भी पटना एयरपोर्ट पर कहा, “सनातन धर्म लोकतंत्र और स्वतंत्रता के लिए खड़ा है क्योंकि इसका पालन करने वाले परमात्मा के साथ जुड़ने की खातिर अपनी इच्छानुसार मार्ग चुनने के लिए स्वतंत्र हैं. लेकिन यह कुछ ऐसा है जिसकी विपक्षी गठबंधन सराहना नहीं कर सकता क्योंकि वह वंशवाद में विश्वास करता है और इसलिए अलोकतांत्रिक है.”

क्या बोले कमलनाथ?

सनातन धर्म को लेकर बीजेपी के हमालवर रुख के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने शुक्रवार को कहा कि भारत कई धर्मों का घर है और सनातन धर्म किसी को दूसरे धर्मों को दूर रखना नहीं सिखाता. हम सभी ने सनातन धर्म को स्वीकार किया है. इसके बारे में किसी को बताने की जरूरत नहीं है. किसी को यह समझाने का कोई मतलब नहीं है कि हमारा देश सनातन धर्म का देश है क्योंकि यहां अन्य धर्म भी हैं. 

सनातन धर्म पर पूरा विवाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के बयान से शुरू हुआ जब उन्होंने पिछले दिनों कहा कि इसे खत्म कर देना चाहिए. इसके बाद डीएमके नेता के पोनमुंडी और सांसद ए राजा ने भी बयान दिए. इसके बाद विवाद और बढ़ गया. इसको लेकर बीजेपी विपक्षी गठबंधन इंडिया को घेर रही है. 

वहीं बुधवार (13 सिंतबर) को जब इंडिया की कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक हुई तो इस बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि सनातन को लेकर बयानबाजी नहीं की जाएगी. एबीपी न्यूज़ को सूत्रों ने बताया कि इसके लिए डीएमके भी राजी हो गई है. 

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला?

इन सबके बीच शुक्रवार (15 सितंबर) को उदयनिधि और ए राजा के बयानों के खिलाफ चेन्नई के एक वकील बी जगन्नाथ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की. याचिका में मांग की गई है कि दोनों के खिलाफ FIR हो और डीएमके नेताओं को ऐसे बयान देने से रोका जाए.

याचिका में कहा गया है कि तमिलनाडु में सनातन धर्म के खिलाफ हो रहे कार्यक्रमों को असंवैधानिक करार दिया जाए. याचिकाकर्ता ने चीफ जस्टिस से अपनी याचिका पर जल्द सुनवाई का अनुरोध किया. इसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि वह सुनवाई के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करें. 

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