यूपी में विधानसभा के विशेष सत्र पर विपक्ष ने उठाए सवाल, कहा- 31 लाख करोड़ के MOU का क्या हुआ?

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UP Vidhanmandal Sepcial Session: उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 10 खरब डॉलर का करने के लिए विधानमंडल का विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के तहत विधानसभा सचिवालय ने तैयारी शुरू कर दी है. जानकारी के अनुसार 36 से 48 घंटे तक विशेष सत्र चलेगा. विशेष सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य यूपी की अर्थव्यवस्था को अगले 5 सालों में 10 खरब डॉलर तक ले जाने का सुझाव देंगे. मुख्यमंत्री योगी ने मानसून सत्र में 10 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए विशेष सत्र बुलाने का ऐलान किया था. सूत्रों के अनुसार आगामी सत्र में आर्थिक जगत की हस्तियों का भी संबोधन हो सकता है. मुख्यमंत्री योगी से चर्चा के बाद जल्द विशेष सत्र की तारीख का ऐलान किया जाएगा.

मिशन 10 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था में जुटी सरकार

विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने बताया कि विधानसभा की एप बनाई जाएगी. एप पर विधानसभा से जुड़ी तमाम जानकारियां होंगी और सत्र संचालन का लाइव प्रसारण भी किया जाएगा. 10 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का रोडमैप तैयार करने के लिए विश्व की जानी मानी एजेंसी डेलॉयट को काम सौंपा गया है. फर्म के प्रतिनिधि प्रदेश में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों, कृषि पैदावार, राष्ट्रीय और विदेशी निवेश, औद्योगिक विकास, निजी और सरकारी क्षेत्र में बढ़ रहे रोजगार के अवसर सहित तमाम पहलुओं को ध्यान में रखकर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं.

विपक्ष ने 31 लाख करोड़ के एमओयू का पूछा सवाल

विधानमंडल के विशेष सत्र पर सियासत शुरू हो गई है. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मनोज काका ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि आज यूपी में किसान आत्महत्या कर रहा है, नौजवानों को रोजगार नहीं मिल रहा, माताएं बहनें सुरक्षित नहीं है, आशा बहुओं का वेतन नहीं मिल रहा है, शिक्षा मित्र सड़कों पर हैं और सरकार 10 खरब डॉलर की बात कर रही है. काका ने पूछा कि 31 लाख करोड़ रुपए के एमओयू का क्या हुआ. 75 जनपदों में 10000 करोड़ का भी काम नहीं दिख रहा है. फंड के अभाव में प्राथमिक विद्यालय बंद हो रहे हैं, सड़कों पर सांड दिख रहे हैं, सरकार का काम सिर्फ झूठ बोलना रह गया है. उन्होंने पूछा कि पिछले 6 वर्षों में रोजगार का क्या हुआ, किसानों की आय दोगुनी हुई क्या? खाद, बीज, पढ़ाई, लिखाई का क्या प्रबंधन किय? सरकार सिर्फ झूठ का पुलिंदा लेकर आती है और प्रयास रहता है कि लोग मूल सवाल भूल जाएं. 

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