199 के फेर में फंसी राजस्थान विधानसभा, दिलचस्प है पिछले तीन चुनावों की कहानी

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Rajasthan Assembly Election: राजस्थान में पिछले दो विधानसभा चुनाव में पूरी 200 सीटों पर चुनाव नहीं हो सका है. इसे आप संयोग कहें या फिर अंधविश्वास, विधानसभा चुनाव से पहले यहां कोई न कोई ऐसी घटा हो जाती है, जिससे सभी सीटों पर वोटिंग नहीं हो पाती. इस बार भी यह प्रथा कायम रहने वाली है.

इस महीने राजस्थान में होने वाले चुनाव में भी 199 सीटों पर वोटिंग हो सकेगी. दरअसल, गंगानगर की करणपुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर की मौत हो गई है. इस कारण यहां मतदान नहीं होगा. इससे पहले साल 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में भी राजस्थान 199 के फेर में फंस गया था.

2013 और 2018 की कहानी
बता दें कि साल 2013 में अधिसूचना जारी हो चुकी थी और सभी पार्टियों के प्रत्याशी तय भी हो चुके थे. राज्य की चूरु विधानसभा सीट से बसपा के उम्मीदवार जे पी मेघवाल की अचानक मौत हो गई और वहां मतदान नहीं हो सका.

ऐसा ही कुछ साल 2018 में भी हुआ था. उस वक्त अलवर की रामगढ़ सीट से बसपा के प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह की मृत्यु हो गई और फिर 199 सीटों पर ही मतदान हुआ. अब बुधवार (15 नवंबर) को करणपुर सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी गुरमीत सिंह की मृत्यु हो गई. जिसकी वजह से इस बार भी 199 सीटों पर ही वोट डाले जाएंगे.

199 के फेर में फंसी राजस्थान विधानसभा
राजस्थान विधानसभा चुनाव के इस 199 के फेर में फंसे होने की वजह चाहे कुछ भी हो, लेकिन विधानसभा भवन के अभिशप्त होने या विधानसभा भवन में वास्तु दोष होने की बात समय समय पर सामने आती रहीं है. इसे लेकर सदन में विधायकों में भी कई बार चर्चा हो चुकी है. ये चर्चा इसलिए भी होती रही है, क्योंकि जब से विधानसभा की बैठक मौजूदा भवन में शुरू हुई है, ऐसे मौके बहुत कम आए हैं, जब सदन में एक साथ 200 विधायक रहे हों.

कभी किसी विधायक की मृत्यु हो गई तो कभी किसी को जेल जाना पड़ा. कभी ऐसा भी हुआ कि कोई विधायक संसद सदस्य चुन लिया गया तो कभी किसी को राज्यपाल बनकर विधानसभा से जाना पड़ा, लेकिन दो सौ सदस्य एक साथ बहुत कम साथ रहे.

श्मशान स्थल को भी माना जाता है वजह
इतना ही नहीं इसकी एक वजह विधानसभा भवन के साथ जुड़े श्मशान स्थल को भी माना जाता रहा है. इसलिए कई बार विधायकों ने सदन में पूजा पाठ और यज्ञ हवन करवाने की मांग भी की थी. राजस्थान विधानसभा भवन ज्योति नगर में जिस जगह बना है वो भूमि श्मशान के साथ लगी है.

आस पास के लोगों का दावा है कि विधानसभा के निर्माण के वक्त श्मशान की जमीन का कुछ हिस्सा इस भवन को बनाने में शामिल किया गया था, जिसकी वजह से ये भवन अभिशप्त है.

विधानसभा में पूजा करवाने जरूरी
जाने माने वास्तु शास्त्री पंडित मनोज पारीक के मुताबिक विधानसभा भवन श्मशान भूमि पर बना है. इसलिए यहां पूजा करवानी जरूरी है. बीजेपी के पूर्व मुख्य सचेतक रह चुके कालू लाल गुर्जर भी अपने समय में यहां पूजा करवाने की जरूरत बता चुके हैं. बता दें कि जब से राजस्थान विधानसभा ज्योति नगर की इस बिल्डिंग में शुरू हुई तब से एक या दो बार ही विधानसभा में 200 सदस्य एक साथ बैठे पाए हैं.   

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