राम मंदिर में महायज्ञ और आरती के लिए जोधपुर से भेजा गया 600 किलो शुद्ध देसी घी, जानें वजह

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Jodhpur News: उत्तर प्रदेश स्थित अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बन कर तैयार हो चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को मंदिर के गर्भ गृह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे. इस दिन का भक्त बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जब भगवान श्रीराम कुटिया से भव्य राम मंदिर बिराजेंगे. इस दिन भक्त भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या जाने की तैयारी कर रहे हैं. वैसे तो इस ऐतिहासिक उत्सव में देश दुनिया की कई बड़ी हस्तियां शामिल होंगी. इसको लेकर राजस्थान के जोधपुर में भी विशेष तैयारी की जा रही है. राम मंदिर में महायज्ञ और आरती के लिए जिस घी का इस्तेमाल किया जाएगा, वह जोधपुर से भेजा जाएगा.

ये विशेष पूजा अगले साल होगी, हालांकि उसको आज यानी सोमवार (27 नवंबर) को पांच रथों के जरिये राजस्थान के जोधपुर की महर्षि संदीपन बनाड़ गौशाला से धर्म नगरी अयोध्या के लिए रवाना किया गया. जोधपुर के बनाड़ के पास जयपुर रोड पर स्थित श्री श्री महर्षि संदीपन राम धाम गौशाला है. इस गौशाला का संचालन महर्षि संदीपन महाराज के द्वारा किया जाता है. महर्षि संदीपन महाराज ने बताया कि “उन्होंने 9 साल पहले संकल्प लिया था कि अयोध्या में जब भी राम मंदिर बनेगा, उसके लिए शुद्ध देसी गाय का घी वो अपने यहां से लेकर जाएंगे. राम मंदिर में उसी घी से मंदिर की अखंड ज्योत को प्रज्जवलि किया जाएगा.”

अखंड ज्योति के लिए जोधपुर से भेज गया देसी घी
मंदिर में अखंड ज्योति को प्रज्जवलित करने के लिए घी जोधपुर से 6 कुण्टल यानि 600 किलो घी को अयोध्या रवाना किया गया है. खास बात यह है कि जोधपुर से पांच बैलों वाले रथों में 108 कलश में भरकर भेजा जा रहा है. इन रथों के साथ 108 छोटे शिवलिगं भी ले जाए जा रहे हैं. जिसे 108 छोटे रथों पर भेजा जा रहा है. भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान जो आरती की जाएगी, उसके लिए खास तौर से गाय (जीजी) के घी को उपयोग में लिया जाएगा. इस घी को जोधपुर से भेजा जा रहा है, ये अयोध्या 22 जनवरी से पहले पहुंचेगा. 

‘घी को बैल से जाने का लिए संकल्प’
महर्षि संदीपन महाराज ने बताया कि साल 2014 में एक ट्रक में भरकर गायों को जोधपुर से गौकशी के लिए ले जाया जा रहा था. इस ट्रक में 60 गाएं थी. इन गायों को छुड़वा कर आसपास की गौशालाओं में ले गए, लेकिन सभी ने रखने से मना कर दिया. आखिर में उन्होंने फैसला किया कि इन गायों को खुद ही पालेंगे. उन्होंने बताया कि इस दौरान राम मंदिर के बनने की उम्मीदें बनने लगी तो इन 60 गायों के अलावा अन्य गायों को एकत्रित करना शुरू कर दिया. महर्षि संदीपन महाराज ने बताया कि ये संकल्प भी लिया जितना भी तैयार होगा उसे बैल पर ले जाएंगे. 

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