[ad_1]
GDP Data: वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में भारत का जीडीपी 7.8 फीसदी रहा है. एक तरफ पूरी दुनिया के बड़े देशों के अर्थव्यवस्था की रफ्तार कुंद पड़ चुकी है तो ऐसे में भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे तेज गति से विकास करने वाली इकोनॉमी बनकर उभरा है. लेकिन हाल के दिनों में पहली तिमाही के भारत के जीडीपी डेटा पर सवाल खड़ा करते हुए इसे सांख्यिकी विसंगति (Statistical Discrepancy) करार दिया गया है जिसे केंद्र सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया है और आंकड़ों पर सवाल खड़े करने वालों को आड़े हाथों लिया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स(X) जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता है उसपर मुख्य आर्थिक सलाहकार के बयान का जिक्र करते हुए लिखा जीडीपी डेटा पर सवाल उठाने वालों पर तीखा हमला बोला. उन्होंने मुख्य आर्थिक सलाहकार के हवाले से लिखा कि जब 2020-21 की पहली तिमाही में भारत का जीडीपी नेगेटिव में चला गया और – 25 फीसदी तक गिर गया तब सांख्यिकी अथॉरिटी ने भारत के जीडीपी डेटा के इतिहास में सबसे बड़ा गिरावट करार दिया था. वो डेटा इन लोगों को रास आ रहा था क्योंकि वो उचित था.
“When statistical authorities reported a GDP contraction of around 25% in the first quarter of 2020-21…it had reported one of the severest contractions in the history of Indian GDP data. That data suited naysayers…hence it was ‘credible.’ “ CEA rebuts. https://t.co/pOnTEh1Wiq
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) September 8, 2023
दरअसल प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और अर्थशास्त्री अशोक मोदी ने पहली तिमाही के जीडीपी के डेटा पर सवाल खड़े किए थे. इंडिया फेक ग्रोथ स्टोरी (India’s Fake Growth Story) शीर्षक के साथ प्रोजेक्ट सिंडीकेट ने जो आर्टिकल पोस्ट किया था उसमें अशोक मोदी ने राष्ट्रीय सांख्यिकी विभाग के डेटा पर सवाल खड़ा करते हुए लिखा कि भारतीय अधिकारी असुविधाजनक मैक्रो इकोनॉमिक फैक्ट्स को कम महत्व दे रहे हैं क्योंकि वे जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी से पहले आकर्षक आंकड़ों का जश्न मना सकें. लेकिन ज्यादातर भारतीयों की परेशानियों को छुपाने के लिए वे एक निंदनीय और खतरनाक खेल खेल रहे हैं.
अशोक मोदी के इस कथन पर कटाक्ष करते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंथ नागेश्वरण ने एक लेख में उनके आरोपों को खारिज कर दिया. उन्होंने लिखा कि जब कोरोना महामारी के बाद 2020-21 की पहली तिमाही में जीडीपी की डेटा नेगेटिव में -25 फीसदी तक गिर गई तो वो डेटा सांख्यिकी विभाग का सही था और गलत कैसे हो गया. उन्होंने कहा कि ये अनुमान सही नहीं है कि जीडीपी को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है.
ये भी पढ़ें
G20 समिट से पहले IMF और FSB ने रिपोर्ट में कहा, Crypto पर बैन लगाने की जगह रेगुलेट करने की जरूरत
[ad_2]
Source link