गजब! एक ही दिन जन्में जुड़वां भाई, एक साथ की पढ़ाई, अब मैट्रिक की परीक्षा में लाए बराबर नंबर

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Bihar Board 10th Result 2024: बिहार के हाजीपुर में  दो जुड़वा भाइयों की दिलचस्प कहानी सामने आई है. एक साथ जन्में दो भाइयों की संघर्ष की दिलचस्प कहानी है. हिमांशु और आदर्श के पिता पेशे से मजदूर हैं. जयशंकर ठाकुर को एक साथ दो संतान की प्राप्ति हुई. दोनों हमशक्ल हैं. 15 साल पहले जब दोनों जुड़वा भाइयों का जन्म हुआ तो दोनों भाइयों को बड़े और छोटे के रूप में पहचानने में मुश्किल हो रही थी. उस समय भी इन भाइयों की खूब चर्चा हुई था. लेकिन जन्म के 5 वर्ष तक दोनों भाई की दिल और दिमाग एक साथ काम करता था.

जब एक भाई बीमार पड़ता तो दूसरा भाई खुद बीमार हो जाता था. 5 वर्षों तक जयशंकर ठाकुर कड़ी मेहनत कर दोनों बेटों को डॉक्टर से इलाज करवाते रहे. 5 वर्ष बीत जाने के बाद दोनों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ. उसके बाद आदर्श और हिमांशु को गांव के ही आंगनवाड़ी केंद्र में दाखिला कराया गया और वहीं से दोनों की पढ़ाई की शुरुआत हुई. जन्म के समय भी दोनों भाइयों की इलाके में खूब चर्चा हो रही थी. 15 साल बाद भी दोनों भाइयों के नाम की फिर चर्चा है.

बोर्ड परीक्षा में लाए बराबर नंबर

दरअसल, दोनों भाई हिमांशु और आदर्श ने हाल ही में मुजफ्फरपुर के बली सरिया उच्च विद्यालय में मैट्रिक की पढ़ाई पूरी. बोर्ड की परीक्षा में दोनों का रिजल्ट बराबर आया. बड़े भाई आदर्श ने 335 नंबर प्राप्त किया. तो दूसरे भाई हिमांशु ने भी 335 नंबर लाया. रिजल्ट जारी होने के बाद से पूरे इलाके में आदर्श और हिमांशु की चर्चा हो रही है. सभी लोग सोचने पर मजबूर हैं कि आखिर यह कैसे हो रहा है, यह किस्मत का खेल तो नहीं. एक साथ जन्म लिए, एक ही शक्ल के हैं और दोनों भाइयों की आपसी प्रेम भी एक जैसा है. दोनों भाइयों को लेकर बताया गया कि एक साथ दोनों भाई एक ही सेट किताब से पढ़ाई करता था और एक ही साइकिल से बैठकर आता जाता था.

दोनों साथ जाते थे स्कूल

आदर्श और हिमांशु से पूछा गया तो दोनों ने बताया कि हम दोनों भाई एक साथ ही स्कूल आते जाते थे. मैट्रिक की परीक्षा देने भी और पढ़ने भी. दोनों ने बताया कि हम दोनों एक साथ पढ़ कर मेडिकल की तैयारी करना चाहते हैं. डॉक्टर बनना चाहते हैं.

मां ने बताई पूरी कहानी

आदर्श और हिमांशु की मां सीमा देवी ने भी पूरी कहानी बताई. उन्होंने कहा, “दोनों ने एक साथ जन्म लिया. जन्म से 5 वर्षों तक दोनों की सेहत बेहद खराब रही. किसी एक की तबीयत खराब हो जाती थी तो दोनों बीमार पड़ जाते थे. उसे समय भी काफी समस्या का सामना करना पड़ता था. पिता दूसरे प्रदेश में आज भी मजदूरी कर रहे हैं. उसे समय भी मजदूरी ही करते थे.

दोनों की पढ़ाई पूरा करने और इलाज कराने के लिए मैं कर्ज लेकर एक छोटा सा कपड़े की दुकान चल रहा हूं. इसी में दोनों का भरण पोषण होता है और हमारा परिवार चलता है. दोनों ने एक साथ मैट्रिक की परीक्षा दी और दोनों का रिजल्ट बराबर आया है. हम लोग को विश्वास ही नहीं हो रहा था लेकिन यह सही है. रिजल्ट जारी हुआ और पता चला तो हम लोग भी चौंक गए थे. जो लोग भी सुन रहे हैं वह लोग भी कह रहे हैं कि यह कैसे हो रहा है.”

बता दें फिलहाल दोनों भाई वैशाली जिले के वैशाली प्रखंड क्षेत्र के वैशाली गांव में अपने घर पर रह रहे हैं और इंटरमीडिएट में दाखिला लेने के बाद मेडिकल की तैयारी करने का इंतजार कर रहे हैं.

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